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आदिवासी मुख्य मंत्री के रहते झारखंड का आदिवासी समाज अपने हक और अधिकार पेसा से वंचित ….रघुवर दास

निकाय चुनाव नहीं कराकर पिछड़ों को अधिकार नहीं देना चाहती हेमंत सरकार

दलाल,माफिया, बिचौलियों के साथ विदेशी ताकतें भी राज्य सरकार में शामिल

झारखंड को नहीं मिल पा रहे केंद्रीय अनुदान

माननीय न्यायालय को भी राज्य सरकार कर रही दिग्भ्रमित

भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने आज राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा। श्री दास आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।

श्री दास ने कहा कि भारत का संविधान आदिवासी ,दलित,वंचित, शोषित समाज को संवैधानिक अधिकार देता है। लेकिन संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस झामुमो की सरकार आज राज्य के आदिवासियों ,पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है।

भाजपा की सरकार ने राज्य में पेसा कानून लागू करने की दिशा में सार्थक पहल किए थे। प्रक्रिया आगे बढ़ी। भाजपा सरकार के बाद हेमंत सरकार ने विभागों से प्राप्त मंतव्य विधि विभाग में भेजा।आगे महाधिवक्ता ने कैबिनेट में ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया लेकिन मंशा साफ नहीं होने के कारण यह सरकार इसे लटका भटका रही है।

कहा कि पेसा कानून अधिसूचित क्षेत्र की रूढ़िवादी ग्राम सभा को लघु खनिज,बालू,पत्थर के उत्खन,नीलामी,तालाबों में मछली पालन, केंदू पत्ता,आदि के प्रबंधन का अधिकार देती है।यही कारण है कि हाइकोर्ट ने भी इसी भावना के मद्दे नजर बालू घाट नीलामी पर निर्देश दिए हैं। उन्होंने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए इस रोक को तब तक जारी रखने का आग्रह किया जबतक राज्य में पेसा कानून लागू नहीं हो जाए।

उन्होंने कहा कि पेसा नियमावली लागू नहीं करने के पीछे सरकार का अपना निहित स्वार्थ है।हेमंत सरकार चाहती है कि राज्य के खनिज संसाधनों,बालू,पत्थर को बिचौलिए दलाल लूटते रहे और मुख्यमंत्री की तिजोरी भरते रहें।

कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय की अवमानना करते हुए बालू से 2000करोड़ के राजस्व की आय का लक्ष्य निर्धारित कर विज्ञापन निकाला है। इस प्रकार देखा जाए तो पिछले 6 वर्षों में राज्य को हजारों करोड़ की लूट का साक्षी बनाया गया है।उन्होंने इस लूट की सीबीआई जांच कराने की मांग की।

कहा कि कांग्रेस झामुमो की सरकार आदिवासी समाज को अधिकार नहीं देना चाहती। इस सरकार ने अनुसूचित जाति,जनजाति आयोग का भी गठन नहीं किया।

राज्य में लंबित नगर निकाय चुनाव पर बोलते हुए श्री दास ने कहा कि हेमंत सरकार न गांव का विकास चाहती है और न शहरों का। नगर निकाय चुनाव नहीं कराकर सरकार प्रतिवर्ष 1800 करोड़ के केंद्रीय अनुदान से झारखंड को वंचित रख रही है।जबकि पेसा नहीं लागू होने के कारण 1400 करोड़ की क्षति हो रही।

कहा कि यह सरकार ट्रिपल टेस्ट पूरा नहीं कराकर पिछड़ों को उनके अधिकार से वंचित रखना चाहती है।
पहले भी राज्य के विभिन्न जिलों की नौकरी रोस्टर में पिछड़ों का आरक्षण नहीं है।इसपर भी राज्य सरकार चुप्पी साधे बैठी है।

उन्होंने कहा कि चाहे पेसा नियमावली हो या नगर निकाय चुनाव यह सरकार दोनों काम नहीं होने देना चाहती।

उन्होंने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिचौलिए , दलाल के साथ विदेशी धर्म मानने वालों के दबाव में काम कर रही है।यह सरकार तुष्टीकरण में डूबी हुई है। इस सरकार को दलाल, बिचौलियों का सिंडिकेट चला रहा है,जो मुख्यमंत्री का तिजोरी भर रहा है।

कहा कि यदि राज्य का आदिवासी, पिछड़ा,दलित सड़क पर उतर जायेगा तो राज्य सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

उन्होंने राज्य सरकार से अविलंब निकाय चुनाव कराने और पेसा कानून को कैबिनेट में पारित कर लागू करने की मांग की।

प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता रामाकांत महतो उपस्थित रहे।

“बांग्लादेशी-रोहिंग्या को बसाने और अपनों को उजाड़ने में जुटी हेमंत सरकार : अजय साह

“गरीबों का घर छीनकर घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है जेएमएम सरकार : अजय साह”

“पुनर्वास विफलता का ठीकरा केंद्र पर फोड़ रही है हेमंत सरकार”

जेएमएम की हालिया प्रेस वार्ता पर भाजपा ने तीखा पलटवार किया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपैठियों को बसाने में लगी है, जबकि अपने ही देश के गरीब और बेसहारा नागरिकों को बेघर करने के लिए नए-नए बहाने गढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जेएमएम बड़ी चालाकी से भारत सरकार के उस पत्र का जिक्र करती है जिसमें अतिक्रमण हटाने का अनुरोध किया गया था, लेकिन उन सभी पत्रों को दबा देती है जिनमें बेघर और बेसहारा लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुनर्वास देने की स्पष्ट बात लिखी है। भारत सरकार की नीति साफ और पारदर्शी है—गरीबों को घर देना और घुसपैठियों को हटाना। इसके विपरीत, राज्य सरकार ने बिना किसी पुनर्वास योजना के अतिक्रमण हटाकर अपने असफल प्रयासों का दोष केंद्र पर डालने की कोशिश की है।

अजय साह ने आगे कहा कि भारत सरकार और झारखंड उच्च न्यायालय ने कई बार राज्य सरकार को घुसपैठियों को हटाने का निर्देश दिया, लेकिन सरकार हर बार बहानेबाजी करती रही। आज वही सरकार उन लोगों को खदेड़ रही है जो पिछले 40–50 वर्षों से रांची में रह रहे हैं। नगर निगम चुनाव न होने के कारण गरीबों को घर देने वाली योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं और जिन योजनाओं पर काम चल रहा है, उनमें भी राज्य सरकार और निगम के अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है।

अजय ने कहा कि किसी भी अतिक्रमण को हटाने से पहले राज्य सरकार को पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए और साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वहाँ पर कोई भी नया निर्माण ना हो। भाजपा प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि हेमंत सरकार अतिक्रमण हटाने में धर्म देखकर कार्रवाई करती है। रांची शहर के बीचों बीच विशेष समुदाय के अवैध कब्जों पर कोई कार्यवाही नहीं होती, जबकि दशकों से बसे हिंदू समाज के गरीब परिवारों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।

अजय साह ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार का यह दोहरा रवैया जनता की नज़रों से अब छिपा नहीं है और आने वाले समय में जनता जेएमएम सरकार को करारा जवाब देगी।

भाजपा ने हेमंत सरकार पर राजधानी रांची सहित पूरे प्रदेश में महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम होने का बड़ा आरोप लगाया

“रांची सहित पूरे प्रदेश की महिलाएं सबसे असुरक्षित? सर्वे रिपोर्ट ने हेमंत सरकार की पोल खोल दी” – प्रतुल शाहदेव

हेमंत सरकार के कार्यकाल में 8000 बलात्कार की घटनाएं हो चुकी है

पिछले 6 वर्ष से महिला आयोग खाली है

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राष्ट्रीय महिला आयोग के द्वारा जारी नारी रिपोर्ट 2025 रिपोर्ट पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट हेमंत सरकार की संवेदनहीनता और नाकामी को उजागर करती है।उन्होंने कहा कि “देश के 31 शहरों में महिला सुरक्षा को लेकर हुए सर्वे में राजधानी रांची की महिलाएं सबसे असुरक्षित बताई जाती हैं।सरकार के लिए सबसे शर्मनाक पहलू है की राजधानी की 27% महिलाएं छेड़खानी के कारण अपना घर बदलने को मजबूर होती हैं।”

प्रतुल शाहदेव ने आगे कहा कि लोगों का पुलिस पर अविश्वास इतना बढ़ गया है कि “9% महिलाएं अपने साथ हुए अपराध को छुपा लेती हैं और सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि सर्वे के अनुसार 85% महिलाओं को प्रशासन पर भरोसा ही नहीं है। इससे साफ है कि झारखंड में महिलाएं पूरी तरह असुरक्षित महसूस कर रही हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि “रांची ही नहीं, पूरे झारखंड में यही स्थिति है। हेमंत सरकार पार्ट 1 और पार्ट 2 में अब तक 8000 से ज्यादा बलात्कार के मामले दर्ज हो चुके है। बलात्कारियों को सजा दिलाने का सरकार का रिकॉर्ड भी फिसड्डी है।आदिवासी बालिकाएं लगातार ट्रैफिकिंग की चपेट में आ रही हैं। लेकिन हेमंत सरकार पिछले 6 वर्षों से राज्य महिला आयोग का गठन तक नहीं कर पाई। यह उसकी महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों के प्रति संवेदनहीनता का जीता-जागता उदाहरण है।” प्रतुल ने कहा कि “हेमंत सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह असंवेदनशील है। जो सरकार महिला आयोग तक नहीं बना पाई, उससे महिलाओं की सुरक्षा की उम्मीद करना बेमानी है।”

नगर निकाय चुनाव को सिर्फ कमीशनखोरी और अफसरशाही को हावी होने के लिए टालना चाहती हेमंत सरकार–प्रतुल शाह देव

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की नीयत लोकतंत्र को मजबूत करने की नहीं बल्कि उसे कमजोर करने की है। नगर निकाय चुनाव को लेकर सरकार का रवैया पूरी तरह से संदेहास्पद और दुर्भावनापूर्ण है। लंबे समय तक सरकार ने ट्रिपल टेस्ट नहीं कराकर नगर निकाय चुनाव को पहले टाल कर रखा। सरकार की मंशा पिछड़ों को उनका हक देना नहीं था।उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर नगर निकाय चुनाव से भाग रही है ताकि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की भागीदारी खत्म हो और केवल अफसरशाही और कमीशनखोरी का बोलबाला बना रहे।

प्रतुल शाह देव ने उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए विभिन्न आदेशों और सरकार पर की गई प्रतिकूल टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 4 जनवरी 2024 को झारखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि पूरे राज्य में नगर निकाय चुनाव तीन सप्ताह के भीतर कराए जाएँ और “ट्रिपल-टेस्ट” प्रक्रिया को बहाना न बनाया जाए।सरकार ने इस आदेश की अवहेलना करते हुए अपील की, जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया और एकलपीठ का आदेश बरकरार रखा।इसके बाद 16 जनवरी 2025 को उच्च न्यायालय ने पुनः आदेश दिया कि जिन नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 तक समाप्त हो चुका है, वहाँ चुनाव हर हाल में मई 2025 तक संपन्न करा लिए जाएँ।इसके बावजूद आज तक चुनाव नहीं हुए।

प्रतुल ने कहा कि अदालत ने कई बार सरकार की लापरवाही और संवैधानिक व्यवस्था की अनदेखी पर आपत्ति जताई और स्पष्ट टिप्पणी की कि राज्य सरकार “रूल ऑफ लॉ” को दरकिनार कर रही है।आज की सुनवाई में उच्च न्यायालय ने सरकार के टालमटोल रवैये पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को ठप करना गंभीर अपराध है। उच्च न्यायालय ने आज कहा कि सरकार नगर निकाय चुनाव का अगली तिथि को रोड मैप प्रस्तुत करे।

पिछड़ों को आरक्षण देते हुए अविलंब चुनाव की तिथि की घोषणा हो

प्रतुल ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि हेमंत सरकार तत्काल उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देते हुए तिथि घोषित करे।लोकतंत्र को बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। अब और टालना बर्दाश्त नहीं होगा।

हेमंत सोरेन बिहार इंडी एलायंस की सभा में शामिल होने नहीं बल्कि अपनी सत्ता बचाने के लिए गए थे – प्रतुल शाहदेव

हेमंत सोरेन जी को हर जगह केवल परसेंटेज और इंसेंटिव ही क्यों दिखता है?

रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पटना की सभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति को अपनी सत्ता को बचाए रखने का प्रयास बताया। प्रतुल ने कहा वस्तुतः वह इंडी एलायंस की सभा में नहीं गए थे, बल्कि झारखंड में अपनी सत्ता कायम रखना उनका मुख्य उद्देश्य था।प्रतुल ने अभिव्यक्ति को लेकर भी उन पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वहाँ “SIR” का अर्थ स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के बजाय स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन बता दिया। ऐसा उन्होंने अपने भाषण के दौरान चार बार किया। यह साबित करता है कि हेमंत सोरेन को हर चीज़ में केवल “परसेंटेज” और “इंसेंटिव” ही दिखाई देता है। झारखंड के मुख्यमंत्री की सोच किस मानसिकता से ग्रसित है, यह उनकी जुबान से बार-बार झलकता है।

“झारखंडी अस्मिता को तार-तार कर रहे हैं हेमंत सोरेन”

प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को इंडी गठबंधन ने बिहार में एक भी सीट नहीं दी। “बड़े बे-आबरू होकर तेरे कूचे से निकले हम” की कहावत इस पर पूरी तरह सटीक बैठती है। इनको बैठकों में निमंत्रण भी नहीं मिला। फिर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनकी यात्रा में शामिल हुए। यह झारखंडी अस्मिता के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात है।

“सत्ता के लोभ में भूल गए पिता पर हुए अत्याचार”

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होकर हेमंत सोरेन ने यह भी दिखा दिया कि सत्ता के लोभ में वे अपना अतीत भी भूल गए हैं। कांग्रेस ने ही उनके पिता, स्वर्गीय शिबू सोरेन जी को दो-दो बार मुकदमों में फँसाकर जेल भेजा था। जेल में उनका प्रताड़ना का सामना करना पड़ा था।आज उसी कांग्रेस के साथ कदमताल करना झारखंड की जनता के साथ भी अन्याय है और अपने पूर्वजों की विरासत का अपमान है।

प्रतुल शाहदेव ने कहा कि अब झारखंड की जनता झामुमो के असली चेहरे को पहचान चुकी है। भाजपा झारखंडी अस्मिता की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष करेगी और जनता के सामने सच लाती रहेगी।

वोटबैंक की राजनीति के लिए एसआईआर का विरोध कर रहे हैं कांग्रेस, झामुमो और राजद

बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को केवल बसाना नहीं बल्कि वोटर बनाना भी इन दलों का मकसद

जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या से जुड़े कई आंकड़े पेश कर भाजपा अध्यक्ष ने विपक्षी दलों को दिखाया आईना

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी ने कहा कि झारखंड सरकार ने जिस प्रकार से एसआईआर का विरोध किया है तो यह वोट बैंक की राजनीति है। झारखंड प्रदेश में जिस प्रकार से जो डेमोग्राफी बदली है या बदल रही है, बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को वोट बैंक बनाए रखना इनका मकसद है। इसका एक उदाहरण राज्य सरकार ने कल स्पष्ट रूप से बता दिया है कि वह इन्हें केवल झारखंड में बसाना ही नहीं चाहती है बल्कि साथ में उन्हें मतदाता भी बनाना चाहती है ताकि झारखंड की चुनाव कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल अपने पक्ष में करा सके। आप सब ने कल झारखंड की विधानसभा की कार्यवाही को देखा और आज सवेरे अखबारों में प्रमुखता से छपी इन मुद्दों से जुड़े समाचार को भी देखा होगा। श्री मरांडी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।

श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड की अलार्मिंग सिचुएशन है। इससे तो पूरा राज्य, देश प्रभावित होगा ही लेकिन इससे सीधा और तत्काल कोई प्रभावित होगा तो वह आदिवासी समाज होगा। संथाल परगना और झारखंड में दर्जनों आदिवासी महिला है जिससे इन रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमानों ने ना केवल शादी किया बल्कि मुखिया, जिला परिषद भी बने हैं। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में इसी तरह से आदिवासी महिलाओं से शादी करके रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमान सांसद, विधायक भी बनेंगे। यह दृश्य साफ दिख रहा है।

1951 में जब पहला जनगणना हुआ था तब झारखंड में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत थी। जबकि मुस्लिम की आबादी 8.9% थी। 2011 के जनगणना में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत से घटकर 26.20% हो गई। वहीं मुसलमानों की जनसंख्या 8.9% से बढ़कर 14.53% हो गई। आदिवासियों की जनसंख्या में गिरावट आई जबकि मुसलमानों की आबादी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। यही जब ओवरऑल बात किया जाए तो 1951 में सनातनियों की आबादी 87.79% थी। 2011 में सनातनियों की संख्या घटकर 81.17% हो गई।

श्री मरांडी ने कहा कि यह नेचुरल तरीके से नहीं बढ़ सकती है। यह कृत्रिम तरीके से बढ़ी और बढ़ाई गई है। बांग्लादेश से लगातार घुसपैठ होना इसका प्रमुख कारण है। कांग्रेस, झामुमो, राजद जैसे दल इसके पक्षधर हैं। ऐसे घुसपैठियों का वोटर कार्ड, राशनकार्ड बनाना, जन्म प्रमाण पत्र बनाना, उनकी जमीन उपलब्ध कराना, उनको बसाना इनकी मंशा है। ताकि वोट में इसका फायदा उठाया जा सके। कल के विधानसभा में उनकी मंशा साफ दिखी।

अभी मतदाता सूची ज्वलंत मुद्दा है इस संबंध में एक और उदाहरण देते हुए श्री मरांडी ने कहा कि 2014 से 2019 के बीच देश के अंदर में मतदाताओं में 9.3% की वृद्धि दर्ज हुई। जबकि झारखंड में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं 2019 से 2024 के बीच देश में मत प्रतिशत में 10.1% वृद्धि हुई जबकि झारखंड में यह वृद्धि 16.7% दर्ज की गई। यह गौर करने वाली बात है। 2019 से 2024 के बीच यहां किसकी सरकार रही या बताने की जरूरत नहीं है। 2019 से 2024 के बीच राष्ट्रीय ग्रोथ से भी झारखंड में मत प्रतिशत की वृद्धि अधिक दर्ज होना, आईने की तरह सब कुछ साफ कर रहा है। यह काफी चिंता का विषय है कि इस रफ्तार से आखिर यहां पर आबादी कैसे बढ़ी, यह भी एक गहन जांच का विषय है। चूंकि 2014 से 2019 में झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार थी इसलिए यहां पर अवैध घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं थी इसलिए अधिक वृद्धि दर्ज नहीं हुई। आज वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ऐसे लोगों को इन दलों के द्वारा वोटर बनाकर बसाया जा रहा है, इसलिए इन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है और ये दल हंगामा कर रहे हैं।

श्री मरांडी ने कुछ रिजर्व विधानसभा क्षेत्रों का आंकड़ा भी इस संदर्भ में पेश किया जो काफी चौंकाने वाले हैं। श्री मरांडी ने कहा कि सिमडेगा विधानसभा में 2019 में 2.21 लाख मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 2.44 लाख हो गए। इसमें ओवरऑल 10.2% की वृद्धि दर्ज हुई। यहां पर 2019 में 9308 मुस्लिम मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 16605 हो गए। यहां मुस्लिम मतदाताओं में 78.4% की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि नन मुस्लिम में 7.2% की ही वृद्धि दर्ज हुई है। यह चिंता का विषय है नहीं। यह संताल परगना का मामला नहीं है। एक प्लानिंग के तहत सब कुछ अंजाम दिया जा रहा है। इसी प्रकार कोल्हान के जगन्नाथपुर विधानसभा में 2019 में 1.71 लाख वोट थे 2024 में 1.98 लाख वोट हुए। ओवरऑल कुल वृद्धि 15.7% की थी। जबकि मुस्लिम वोटरों में यह वृद्धि 52 फ़ीसदी है वहीं गैर मुस्लिम मतों में 13% की ही वृद्धि हुई। एक कुछ चंद उदाहरण है जो दर्शाते हैं कि पूरे राज्य की डेमोग्राफी एक सुनियोजित तरीके से बदली जा रही है। इनका नाम मतदाता सूची में दर्ज कराया जा रहा है। यह केवल झारखंड नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।

श्री मरांडी ने कहा कि आपने पूर्व में भी देखा कि चाकुलिया, घाटशिला जैसे क्षेत्रों में जहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है वहां एक-एक गांव में किस प्रकार सैकडों की संख्या में जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया। इसी प्रकार जिन इलाकों में मुस्लिम आबादी नहीं है वहां भी कैसे मईयां योजना का लाभ लिया गया, आप सभी ने देखा। जब जांच हुई तब कोई मुर्शिदाबाद तो कोई मालदा का पाया गया। इसी प्रकार चतरा के प्रतापपुर में कुछ पंचायत में इतने जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए जितनी वहां की शायद जनसंख्या भी नहीं है।

श्री मरांडी ने कहा कि जब झारखंड सहित पूरे देश में डेमोग्राफी बदल रही है। चुनाव आयोग जब इन फर्जी और विदेशी मतदाताओं को हटाने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की बात करता है तो उसे रोकने और इन फर्जी मतदाताओं को बचाने के लिए वोटबैंक की राजनीति के लिए विधान सभा में विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं, एसआईआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करेगी।

श्री मरांडी ने कहा कि हम चुनाव आयोग से मांग करेंगे कि इस प्रकार जो मतदाताओं की वृद्धि हुई है। अब एक-एक वास्तविक मतदाताओं को सत्यापित किया जाए। जो यहां के नागरिक हैं वही सूची में रहें। फर्जी मतदाताओं को तत्काल सूची से हटाया जाए। झारखंड में अभी तो चुनाव नहीं है, क्यों नहीं साल भर का ही वक्त लगे लेकिन एक एक मतदाता सत्यापित कराना भाजपा सुनिश्चित करेगी। तब ही डेमोग्राफी ठीक होगी, नहीं तो यह लोकतंत्र पर एक बड़ा खतरा साबित होगा।

इस दौरान प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी श्री योगेंद्र प्रताप सिंह जी और प्रदेश प्रवक्ता श्री रामाकांत महतो जी भी मौजूद थे।

सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच पर सदन में अड़ेगा एनडीए…..नवीन जायसवाल

ध्वस्त विधि व्यवस्था,अटल क्लीनिक नाम परिवर्तन, विश्वविद्यालय बिल,यूरिया कालाबजारी,अतिवृष्टि से किसानों की परेशानी जैसे मुद्दे भी जोर शोर से उठाएंगे एन डी ए विधायक

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज विधानसभा के चालू मानसून सत्र में गठबंधन के मुद्दों पर चर्चा केलिए एन डी ए विधायक दल की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने की। बैठक में जदयू विधायक सरयू राय,आजसू विधायक निर्मल महतो लोजपा विधायक जनार्दन पासवान सहित भाजपा विधायक सीपी सिंह,मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल,सचेतक,राज सिन्हा,नागेंद्र महतो,सत्येंद्र तिवारी,आलोक चौरसिया,शशिभूषण मेहता,मनोज यादव,देवेंद्र कुंवर,प्रदीप प्रसाद,रोशनलाल चौधरी,पूर्णिमा दास साहू,मंजू कुमारी ,उज्जवल दास शामिल हुए।

बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग करते हुए भाजपा के मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल ने कहा कि झारखंड विधानसभा के छोटे मानसून सत्र में एनडीए गठबंधन राज्य के ज्वलंत और बड़े मुद्दों को जोरशोर से उठाएगा।

श्री जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस की बर्बरता ,ध्वस्त विधि गठबंधन के एजेंडे में प्रमुखता से शामिल है।

कहा कि भाजपा का स्पष्ट मानना है कि सामाजिक सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़कर जनता की सेवा करने वाले राजनीतिक आदिवासी कार्यकर्ता सूर्या हांसदा का एनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी है। परिवार के सदस्यों क्षेत्र की आम जनता की स्पष्ट राय है कि सूर्या हांसदा की साजिशन हत्या हुई है। इसलिए पार्टी इस घटना की सीबीआई जांच कराने के मांग पर अडिग है जिसे सदन में उठाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बात करने वाले झामुमो,कांग्रेस राजद गठबंधन की राज्य सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों,तरीकों की हत्या कर रही है। राज्य की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है,बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।और अब राज्य सरकार विश्वविद्यालय संशोधन बिल के माध्यम से यूनिवर्सिटी शिक्षा को भी बर्बाद करना चाहती है।राज्य सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए महामहिम राज्यपाल के अधिकारों को समाप्त करने पर जुटी है। कुलपतियों की नियुक्ति अपने अधिकार में लेना चाहती है।

उन्होंने कहा कि राज्य निर्माता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का अपमान झारखंड की जनता बर्दाश्त नहीं कर सकती। जिस प्रकार अटल क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा क्लीनिक किया गया है इसका सदन में भाजपा और सहयोगी दल विरोध करेंगे। सरकार चाहे तो मदर टेरेसा के नाम पर कोई और योजना शुरू करे लेकिन अटल क्लीनिक का नाम बदलना पूरी तरह झारखंड निर्माता श्रद्धेय अटल जी का,झारखंड का अपमान है।

कहा कि आज अतिवृष्टि से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा। राज्य में भदई फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। साथ ही आज बड़े पैमाने पर राज्य में यूरिया खाद की कालाबाजारी हो रही।किसानों को महंगे दाम पर यूरिया खरीदने केलिए विवश होना पड़ रहा। एनडीए गठबंधन के विधायक इस विषय को लेकर राज्य सरकार को घेरेंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य में विपक्ष के पूर्व विधायकों के सुरक्षा का मुदा भी गंभीर है।आज सत्ता धारी गठबंधन के प्रखंड स्तरीय नेताओं को बड़ी संख्या में बॉडीगार्ड उपलब्ध कराया जा रहा जबकि एनडीए के पूर्व विधायक का गार्ड हटाया जा रहा।

कहा कि युवाओं बेरोजगारी की समस्याएं,परीक्षाओं की धांधली जैसे विषय भी एनडीए विधायक उठाएंगे।

आजसू विधायक निर्मल महतो ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो को जान से मारने की मिल रही धमकी को भी गंभीर बताया तथा सदन में उठाने की बात कही।

लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने भी एनडीए की बैठक में आए गंभीर मुद्दों को सदन में मिलकर उठाने की बात कही।

कहा कि ये सारे मुद्दे सदन में उठेंगे।j

राज्य सरकार ने जानबूझकर विनय चौबे के खिलाफ़ चार्जशीट दायर नहीं कर जमानत का मार्ग प्रशस्त किया…..बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शराब घोटाला में जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय चौबे को जमानत मिलने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई शुरू से शक के घेरे में है।

कहा कि राज्य सरकार तकरीबन 1000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में हेमंत सोरेन जी के पूर्व सचिव के खिलाफ एसीबी ने जानबूझकर 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की, जिससे उनकी जमानत का रास्ता आसान हो गया।

कहा कि दरअसल हेमंत सरकार ने अपने ही पूर्व सचिव की गिरफ्तारी का नाटकीय षडयंत्र इसलिए रचा था, ताकि ईडी की जांच प्रभावित हो सके और सबूतों को मिटाया जा सके।

कहा कि ईडी के निदेशक को जनता के हजारों करोड़ की लूट में शामिल इन भ्रष्टाचारियों पर कठोर और विधिसम्मत कार्रवाई कार्रवाई करनी चाहिए।

सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले ली सच्चाई जानने भाजपा की सात सदस्यीय टीम पहुंची गोड्डा

परिजनों से मुलाकात कर घटना के संबंध में ली विस्तृत जानकारी।

प्रेसवार्ता कर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा…

सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में समिति बनाकर हो…..अर्जुन मुंडा

दोबारा पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट तैयार हो
न्याय दिलाने केलिए भाजपा आंदोलन का भी लेगी सहारा

राज्य सरकार की जांच एजेंसी पर जनता को भरोसा नहीं

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देशानुसार प्रदेश भाजपा द्वारा सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच हेतु गठित सात सदस्यीय समिति ने आज गोड्डा का दौरा किया। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा,पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी,प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही,पूर्व मंत्री रणधीर सिंह,पूर्व सांसद सुनील सोरेन,पूर्व विधायक अमित मंडल और अनिता सोरेन उपस्थित रहे। इस अवसर पर भाजपा नेता लॉबिन हेंब्रम भी साथ थे।

समिति ने स्व सूर्या हांसदा के परिजनों से मुलाकात की। समिति ने उस विद्यालय का भी दौरा किया जो स्व सूर्या हांसदा के द्वारा चलाया जा रहा था। बच्चों से भी समिति के सदस्यों ने जानकारी प्राप्त की।
बाद में मीडिया से बात करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार एवं राज्य की पुलिस पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए।

श्री मुंडा ने कहा कि स्व सूर्या हांसदा का परिवार ललमटिया क्षेत्र के पारंपरिक मांझी परिवार से आते थे।यह परिवार परंपरागत स्वशासन व्यवस्था का प्रधान है। अब उनकी माता जी इस दायित्व को निभा रही।

कहा कि इस नाते इस परिवार के द्वारा सामाजिक सांस्कृतिक दायित्वों का निर्वहन किया जाता है। स्व सूर्या हांसदा यहां के विस्थापितों की समस्याओं सहित कई सामाजिक मुद्दों को लगातार उठाते रहे थे। जिसके कारण उनके ऊपर कई मुकदमे दर्ज हुए।

कहा कि 14 मुकदमों में उनको बरी किया गया था। लेकिन इनके खिलाफ साजिश करने वाले रुके नहीं। कई घटनाओं में इनका नाम जानबूझकर साजिश के तहत जोड़ा जाता रहा है।

विगत 27 मई को जो स्व सूर्या हांसदा और मुकदमा दर्ज हुआ वह पूरी तरह झूठा था। वे उस दिन अपने बच्चे का जन्मदिन परिवार के साथ मना रहे थे।

कहा कि फर्जी केस दर्ज कर पुलिस उनको ढूंढने लगी।और बिना कोर्ट वारंट के गिरफ्तार करते हुए साजिश के तहत उन्हें मार दिया गया।

कहा कि पुलिस का बयान और आम जनता के विचार में पूरी तरह विरोधाभास है।पुलिस जिसे अपराधी बता रही उनका चरित्र समाज सेवा का रहा है। वे एक विद्यालय का सफल संचालन करते थे जिसमें लगभग 350 बच्चे पढ़ते थे। शिक्षा के माध्यम से समाज की सेवा करने वाले को राज्य पुलिस साजिश के तहत अपराधी बता रही। आखिर पढ़ाता वही है जो समाज का भविष्य गढ़ना चाहता है।

कहा कि स्व सूर्या हांसदा राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे और लोकतांत्रिक तरीके से उन्होंने चुनाव भी लड़े थे।

कहा कि सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामला एक साजिश के तहत हत्या है ।और यह राज्य का सवाल है।

श्री मुंडा ने कहा कि सरकार के इशारे पर पोस्टमार्टम में भी गड़बड़ी की गई है। पूछने पर स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कहा कि प्रशासन लीपापोती करने में जुट गया है।

श्री मुंडा ने राज्य सरकार से मांग किया कि जनता और स्व सूर्या हांसदा के परिवार को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए राज्य सरकार पहले दोबारा पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट तैयार करे और फिर हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाकर घटना की निष्पक्ष जांच कराना सुनिश्चित करे।

श्री मुंडा ने स्व सूर्या हांसदा के परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की।

उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार खुद को आदिवासी समाज की हितैषी मानती है,पारंपरिक व्यवस्था की हिमायती मानती है तो फिर स्पष्टीकरण दे।

कहा कि अगर राज्य सरकार इसपर पुनर्विचार नहीं करती है तो भाजपा आने वाले दिनों में न्याय दिलाने केलिए बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगी।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने श्री अमित शाह को दी बधाई एवं शुभकामनाएं

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने श्री अमित शाह को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदरणीय श्री अमित शाह जी ने आज केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में सर्वाधिक 2258 दिवस तक कार्य करने का कीर्तिमान अपने नाम दर्ज किया है।

कहा कि पिछ्ले छह वर्षों में कर्मठता और दृढ़ निश्चयता के साथ गृह मंत्री के रूप में माननीय अमित शाह जी ने कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। इसमें आज ही के दिन 5 अगस्त को कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं धारा 35ए के निरस्तीकरण की ऐतिहासिक घोषणा शामिल है। उनके कार्यकाल में ही आज देश नक्सल मुक्त होने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसी अनेकों उपलब्धियां उनके साथ जुड़ी हैं।

कहा कि वे इसी तरह माँ भारती की अहर्निश सेवा करते रहें। यशस्वी गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को झारखंड की समस्त जनता की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

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