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राज्य सरकार ने जानबूझकर विनय चौबे के खिलाफ़ चार्जशीट दायर नहीं कर जमानत का मार्ग प्रशस्त किया…..बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शराब घोटाला में जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय चौबे को जमानत मिलने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई शुरू से शक के घेरे में है।

कहा कि राज्य सरकार तकरीबन 1000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में हेमंत सोरेन जी के पूर्व सचिव के खिलाफ एसीबी ने जानबूझकर 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की, जिससे उनकी जमानत का रास्ता आसान हो गया।

कहा कि दरअसल हेमंत सरकार ने अपने ही पूर्व सचिव की गिरफ्तारी का नाटकीय षडयंत्र इसलिए रचा था, ताकि ईडी की जांच प्रभावित हो सके और सबूतों को मिटाया जा सके।

कहा कि ईडी के निदेशक को जनता के हजारों करोड़ की लूट में शामिल इन भ्रष्टाचारियों पर कठोर और विधिसम्मत कार्रवाई कार्रवाई करनी चाहिए।

सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले ली सच्चाई जानने भाजपा की सात सदस्यीय टीम पहुंची गोड्डा

परिजनों से मुलाकात कर घटना के संबंध में ली विस्तृत जानकारी।

प्रेसवार्ता कर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा…

सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में समिति बनाकर हो…..अर्जुन मुंडा

दोबारा पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट तैयार हो
न्याय दिलाने केलिए भाजपा आंदोलन का भी लेगी सहारा

राज्य सरकार की जांच एजेंसी पर जनता को भरोसा नहीं

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देशानुसार प्रदेश भाजपा द्वारा सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच हेतु गठित सात सदस्यीय समिति ने आज गोड्डा का दौरा किया। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा,पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी,प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही,पूर्व मंत्री रणधीर सिंह,पूर्व सांसद सुनील सोरेन,पूर्व विधायक अमित मंडल और अनिता सोरेन उपस्थित रहे। इस अवसर पर भाजपा नेता लॉबिन हेंब्रम भी साथ थे।

समिति ने स्व सूर्या हांसदा के परिजनों से मुलाकात की। समिति ने उस विद्यालय का भी दौरा किया जो स्व सूर्या हांसदा के द्वारा चलाया जा रहा था। बच्चों से भी समिति के सदस्यों ने जानकारी प्राप्त की।
बाद में मीडिया से बात करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार एवं राज्य की पुलिस पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए।

श्री मुंडा ने कहा कि स्व सूर्या हांसदा का परिवार ललमटिया क्षेत्र के पारंपरिक मांझी परिवार से आते थे।यह परिवार परंपरागत स्वशासन व्यवस्था का प्रधान है। अब उनकी माता जी इस दायित्व को निभा रही।

कहा कि इस नाते इस परिवार के द्वारा सामाजिक सांस्कृतिक दायित्वों का निर्वहन किया जाता है। स्व सूर्या हांसदा यहां के विस्थापितों की समस्याओं सहित कई सामाजिक मुद्दों को लगातार उठाते रहे थे। जिसके कारण उनके ऊपर कई मुकदमे दर्ज हुए।

कहा कि 14 मुकदमों में उनको बरी किया गया था। लेकिन इनके खिलाफ साजिश करने वाले रुके नहीं। कई घटनाओं में इनका नाम जानबूझकर साजिश के तहत जोड़ा जाता रहा है।

विगत 27 मई को जो स्व सूर्या हांसदा और मुकदमा दर्ज हुआ वह पूरी तरह झूठा था। वे उस दिन अपने बच्चे का जन्मदिन परिवार के साथ मना रहे थे।

कहा कि फर्जी केस दर्ज कर पुलिस उनको ढूंढने लगी।और बिना कोर्ट वारंट के गिरफ्तार करते हुए साजिश के तहत उन्हें मार दिया गया।

कहा कि पुलिस का बयान और आम जनता के विचार में पूरी तरह विरोधाभास है।पुलिस जिसे अपराधी बता रही उनका चरित्र समाज सेवा का रहा है। वे एक विद्यालय का सफल संचालन करते थे जिसमें लगभग 350 बच्चे पढ़ते थे। शिक्षा के माध्यम से समाज की सेवा करने वाले को राज्य पुलिस साजिश के तहत अपराधी बता रही। आखिर पढ़ाता वही है जो समाज का भविष्य गढ़ना चाहता है।

कहा कि स्व सूर्या हांसदा राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे और लोकतांत्रिक तरीके से उन्होंने चुनाव भी लड़े थे।

कहा कि सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामला एक साजिश के तहत हत्या है ।और यह राज्य का सवाल है।

श्री मुंडा ने कहा कि सरकार के इशारे पर पोस्टमार्टम में भी गड़बड़ी की गई है। पूछने पर स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कहा कि प्रशासन लीपापोती करने में जुट गया है।

श्री मुंडा ने राज्य सरकार से मांग किया कि जनता और स्व सूर्या हांसदा के परिवार को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए राज्य सरकार पहले दोबारा पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट तैयार करे और फिर हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाकर घटना की निष्पक्ष जांच कराना सुनिश्चित करे।

श्री मुंडा ने स्व सूर्या हांसदा के परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की।

उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार खुद को आदिवासी समाज की हितैषी मानती है,पारंपरिक व्यवस्था की हिमायती मानती है तो फिर स्पष्टीकरण दे।

कहा कि अगर राज्य सरकार इसपर पुनर्विचार नहीं करती है तो भाजपा आने वाले दिनों में न्याय दिलाने केलिए बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगी।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने श्री अमित शाह को दी बधाई एवं शुभकामनाएं

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने श्री अमित शाह को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदरणीय श्री अमित शाह जी ने आज केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में सर्वाधिक 2258 दिवस तक कार्य करने का कीर्तिमान अपने नाम दर्ज किया है।

कहा कि पिछ्ले छह वर्षों में कर्मठता और दृढ़ निश्चयता के साथ गृह मंत्री के रूप में माननीय अमित शाह जी ने कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। इसमें आज ही के दिन 5 अगस्त को कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं धारा 35ए के निरस्तीकरण की ऐतिहासिक घोषणा शामिल है। उनके कार्यकाल में ही आज देश नक्सल मुक्त होने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसी अनेकों उपलब्धियां उनके साथ जुड़ी हैं।

कहा कि वे इसी तरह माँ भारती की अहर्निश सेवा करते रहें। यशस्वी गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को झारखंड की समस्त जनता की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भारत के यशस्वी गृह मंत्री अमित शाह की को दी बधाई।

भारत के राजनीतिक इतिहास में सबसे लंबे कार्यकाल के गृह मंत्री बने अमित शाह जी ….बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज अमित शाह जी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

श्री मरांडी ने कहा कि भारत के राजनीतिक इतिहास में बहुत कम नेता ऐसे हुए हैं, जिन्होंने नीतिगत परिवर्तन के साथ‑साथ ज़मीनी स्तर पर भी परिवर्तन के लिए निरन्तर कार्य किया हो। उन्हीं चंद नेताओं में से एक, हमारे माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी, आज देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले गृह मंत्री बन चुके हैं।

कहा कि यह गौरवपूर्ण क्षण उसी दिन आया, जिस दिन 2019 में अमित शाह जी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक प्रस्ताव संसद में रखा था, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू‑कश्मीर को भारत के संविधान में पूर्ण एकात्मता के साथ जोड़ा गया और उस ऐतिहासिक बोझ से मुक्ति दिलाई गई, जिसने कश्मीर को भारत की मुख्यधारा से लंबे समय तक अलगाव में रखा था।

कहा कि उनके कार्यकाल में गृह मंत्रालय की आंतरिक सुरक्षा नीतियों ने देश की दिशा बदल दी।

कहा कि झारखंड राज्य में, जहां वर्षों से नक्सलवाद ने विकास, शिक्षा और रोज़गार के रास्तों को रोका हुआ था, वहाँ केंद्र सरकार ने गृह मंत्री जी के नेतृत्व में ‘ऑपरेशन समर्पण’ के तहत एक संगठित, योजनाबद्ध और निर्णायक लड़ाई शुरू की।
झारखंड के साथ‑साथ अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहा यह अभियान आम नागरिकों में यह विश्वास लौटा रहा है कि केंद्र सरकार उनकी सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

कहा कि अमित शाह जी को उनके लंबे, प्रभावशाली और निर्णायक कार्यकाल के लिए हार्दिक बधाई।
यह देश आपके नेतृत्व में और भी सशक्त और सुरक्षित बने, यही कामना है।

राज्य सरकार मदरसा से टेरेसा तक केंद्रित, विकास से कुछ भी लेना देना नहीं….नवीन जायसवाल

प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में भाजपा विधायक दल की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार राय,संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ,पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन,विधायक एवं मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल,सचेतक नागेंद्र महतो,विधायक नीरा यादव , मनोज यादव,सत्येंद्र तिवारी,आलोक चौरसिया,देवेंद्र कुंवर,अमित यादव,रोशनलाल चौधरी,उज्जवल दास,प्रदीप प्रसाद,पूर्णिमा दास
साहू,मंजू कुमारी उपस्थित रहे।

*बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी के मुख्य सचेतक ने कहा कि
राज्य सरकार मदरसा से टेरेसा तक केंद्रित, विकास से कुछ भी लेना देना नहीं….नवीन जायसवाल

मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी के मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल ने कहा कि पार्टी के विधायक दल की बैठक में राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।

कहा कि हेमंत सरकार को विकास से कुछ भी लेना देना नहीं है। यह सरकार केवल नाम बदलने में विश्वास करती है। सत्ता मद में इतनी चूर है कि देश की एकता और अखंडता केलिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले महापुरुष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और राज्य के निर्माता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का नाम बदलकर उन्हें अपमानित कर रही।
कहा कि यह उन महा पुरुषों का अपमान नहीं बल्कि देश और राज्य का अपमान है।

कहा कि राज्य सरकार मदर टेरेसा के नाम पर कोई अन्य योजना शुरू कर सकती थी लेकिन ये सरकार तुष्टीकरण में आकंठ डूबी है। इस सरकार की विकास यात्रा की कहानी मदरसा से टेरेसा तक जारी है।
कहा कि इस माध्यम से हेमंत सरकार गांव देहात में चंगाई सभा के साथ मदर टेरेसा क्लीनिक के माध्यम से धर्मांतरण को बढ़ावा देना चाहती है।

कहा कि इसके अलावा रिम्स 2 के बहाने यह सरकार किसानों पर कहर ढाना चाहती है। आज किसान अति वृष्टि से परेशान है।फसलें सब्जी बर्बाद हो रहे, भदाई फसलें बर्बाद हो चुकी है पर सरकार निश्चिंत बैठी है।

कहा कि सीआईडी जांच के बहाने सीजीएल परीक्षा के भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश हो रही।

कहा कि मतदाता पुनरीक्षण का विरोध कर यह सरकार बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपैठियों का संरक्षण करते रहना चाहती है।

उन्होंने कहा कि पिछड़ों को 27% आरक्षण देने की बात करने वाली सरकार में नीयत साफ है तो निकाय चुनाव में राज्य सरकार 27% आरक्षण सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा इसके अतिरिक्त राज्य की ध्वस्त विधि व्यवस्था ,महिलाओं के साथ बढ़ते अत्याचार भी सदन में मुद्दे बनेंगे।

राज्य मे किसानों की समस्याओ से महामहिम जी को अवगत कराए

आज भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष श्री पवन साहू जी के नेतृत्व मे झारखंड के महामहिम श्रीमान संतोष गंगवार जी से औपचारिक मुलाकात किए । इस अवसर पर राज्य मे किसानों की समस्याओ से महामहिम जी को अवगत कराए ।

झारखंड गठन के 24 वर्ष बाद भी राज्य के किसान अपनी प्रमुख मांग को लेकर आंदोलनरत है। इसके साथ-साथ राज्य मे अतिवृष्टि से किसान की फसल बर्बाद हो रहे है । किसान त्राहिमाम – त्राहिमाम कर रहा है, आम जनता मंहगाई की मार झेल रही है । इन सबके बावजूद झारखंड सरकार मौन धारण किए हुए है।

राज्य के किसानों के प्रमुख मांगे को लेकर महामहिम जी को निम्न ज्ञापन दिए। : –

1 > अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 20 हजार रुपए का मुआवज़ा राज्य सरकार दें।

2 > धान खरीद पर करोड़ो का बकाए को राज्य सरकार अविलंब किसानों को दें ।

3 > केसीसी ऋण माफी योजना की अवधि को 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 2025 या सरकार अपने कार्यकाल तक करें ।

4 > किसान योजना का लाभ सीधे डीबीटी माध्यम से किसानों तक मिले । बिचौलिए और ऐजेन्सी माध्यम से भ्रष्टाचार मे वृद्धि हो रहा है । इससे किसान प्रभावित हो रहे है ।
5 > मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को राज्य सरकार अविलंब लागू करें ।

6 > राज्य सरकार का कृषि बजट 2025 – 2026 ( 137757 करोड़ ) मे तेजी से विकास कार्य करें ।
7 > राज्य के लगभग 70 फीसदी आबादी कृषि कार्य करते है । फिर भी किसानों के उत्थान पर राज्य सरकार गंभीर नही है । अलग कृषि बजट से किसानों का सर्वांगीण विकास कार्य सिद्ध होगा ।

8 > राष्ट्रीय किसान आयोग के तर्ज पर झारखंड मे भी “राज्य किसान आयोग ” का गठन हो ।

9 > किसानों के बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा राज्य सरकार उपलब्ध कराए ।

10 > पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत को पानी उपलब्ध कराए ।

11 > किसानों को बाजार मूल्य पर खाद्य और बीज उपलब्ध कराए । इसके साथ-साथ उन्नत किस्म की गुणवत्ता की जांच हो ।

12 > धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य राज्य सरकार के घटक दलो के चुनावी घोषणा-पत्र के अनुसार 2400₹ प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3200₹ प्रति क्विंटल धान खरीद करने का वादा किया था, लेकिन मात्र 2400₹ प्रति क्विंटल ही धान खरीद पर भुगतान कर रही है। इसके साथ-साथ 60 लाख क्विंटल घान खरीद का लक्ष्य राज्य सरकार ने रखी थी, जबकि मात्र 34.7 लाख क्विंटल हीं धान की खरीद की। बाकी किसान अपने धान को बिचौलिए के माध्यम से औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हुए। इससे साफ पता चल रहा है कि हेमंत सरकार किसान विरोधी सरकार है ।

भाजपा का राज्य के सत्ताधारी गठबंधन पर बड़ा हमला…

इंडी गठबंधन बना तुष्टिकरण गठबंधन…..अजय साह

वोटबैंक की भूख में डूबा इंडी गठबंधन, न्याय और नारी गरिमा से समझौता…डिंपल के अपमान पर मौन अखिलेश, कांग्रेस आफताब के साथ

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री अजय साह ने आज इंडी गठबंधन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह गठबंधन मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में इतना डूब चुका है कि अब उसे न महिला सम्मान की चिंता है, न ही न्याय की मर्यादा की। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली से लेकर झारखंड तक इंडी गठबंधन के नेता वोटबैंक की राजनीति के लिए हर सीमाएं लांघ रहे हैं।

उन्होंने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि नई दिल्ली की एक मस्जिद में राजनीतिक बैठक के दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रमुख मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी ने उनके पहनावे पर बेहद अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसे बाद में मौलाना साजिद रशीदी ने और भी शर्मनाक भाषा में दोहराया। अजय साह ने सवाल उठाया कि जब एक हिंदू महिला सांसद के पारंपरिक पहनावे पर इस तरह की घिनौनी टिप्पणी की जाती है, तब अखिलेश यादव और पूरा इंडी गठबंधन मौन क्यों रहता है? क्या तुष्टिकरण की राजनीति उनके लिए महिला गरिमा से भी अधिक मूल्यवान हो चुकी है?

झारखंड के संदर्भ में अजय साह ने कहा कि कांग्रेस की वही सरकार, जो अंकिता सिंह को जिंदा जलाने पर, रूबिका पहाड़िया के पचास टुकड़े किए जाने पर और रूपेश पांडे की मॉब लिंचिंग पर चुप्पी साधे रही, आज एक दुष्कर्म के आरोपी आफताब अंसारी की मौत पर जांच कमिटी बना रही है। उन्होंने कांग्रेस के एक मंत्री पर भी तंज कसते हुए कहा कि न वह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हैं, न गृह मंत्री, और न ही रामगढ़ से विधायक, लेकिन जैसे ही किसी मामले में ‘मुस्लिम’ नाम आता है, वह सबसे पहले प्रतिक्रिया देने पहुँच जाते हैं। यह मंत्री झारखंडवासियों की नहीं बल्कि सिर्फ़ एक समुदाय की चिंता करते है।

अजय साह ने तीखे शब्दों में कहा कि आज का इंडी गठबंधन एक तुष्टिकरण गठबंधन बन चुका है—जो एक समुदाय विशेष के तुष्टिकरण में न्याय, संविधान और सामाजिक संतुलन तक को कुर्बान करने पर तुला है।

मदर टेरेसा क्लीनिक के नाम पर हेमंत सरकार द्वारा धर्मांतरण बढ़ाने की तैयारी….अमर कुमार बाउरी

अटल जी जनता के दिलों में अमर,राज्य सरकार के मिटाने से नहीं मिटने वाले

मुख्यमंत्री नाम परिवर्तन से सहमत तो स्वयं करें घोषणा

अटल क्लीनिक के नाम परिवर्तन पर भाजपा नहीं बैठेगी चुप,सदन से सड़क तक होगा आंदोलन

झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता,पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने आज राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। श्री बाउरी आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।

श्री बाउरी ने कहा कि राज्य के झुग्गी झोपड़ी ,बस्तियों में राज्य सरकार द्वारा चलने वाले अटल क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा क्लीनिक करना एक बड़ी साजिश है।

उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा का भारतीय जनता पार्टी सदा सम्मान करती है। उनकी सेवा भावना और गरीबों,कुष्ठ रोगियों केलिए की गई सेवा को भुलाया नहीं जा सकता। भारत सरकार ने उन्हें कई बड़े अलंकरणों से सम्मानित भी किया है।

उन्होंने कहा कि लेकिन यह भी सच्चाई है कि मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संस्थान निर्मल हृदय पर बच्चा चोरी का आरोप भी लगा हुआ है। यह भी सच्चाई है कि ऐसी संस्थाएं सेवा के नाम पर लाखों गरीबों को स्वास्थ्य सुविधा,भोजन , वस्त्र ,उपलब्ध कराकर उनकी पहचान,उनके धर्म ,संस्कार को बदलने का कार्य भी किया है।

कहा कि धर्मांतरण की समस्या राज्य की एक बड़ी समस्या है जिसे मदर टेरेसा क्लीनिक के सहारे और तेज करने की साजिश राज्य सरकार द्वारा रची जा रही है।

उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने झारखंड की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए अलग झारखंड राज्य का सपना भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर 2000 को साकार किया। जबकि आज राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस राजद झामुमो आंदोलन को बेचने खरीदने में लगे थे। दिखावा केलिए ऑटोनोमस कॉन्सिल पर ही सहमत हो गए थे जबकि नियत साफ रहती तो वर्ष 2000 से पहले ही अलग राज्य का गठन करा सकते थे।

कहा कि झामुमो कांग्रेस राजद की नियत कभी साफ नहीं रही। अलग झारखंड राज्य का नक्शा भी भाजपा के वनांचल राज्य का नक्शा है जो अटल जी की देन है।

कहा कि अटल जी झारखंड के कण कण में बसे हैं।और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास जी ने अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अटल मोहल्ला क्लीनिक की स्थापना की थी।जिसे हेमंत सरकार ने बदल कर मदर टेरेसा क्लीनिक करने का निर्णय लिया है।

कहा कि हेमंत सरकार को बताना चाहिए कि मदर टेरेसा का झारखंड में क्या योगदान है। विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन में झारखंड से बाहर का उदाहरण देने वाली सरकार को मदर टेरेसा कैसे झारखंड की दिखने लगी।

कहा कि यह नाम परिवर्तन स्वास्थ्य सेवा को ठीक करने केलिए नहीं बल्कि स्वास्थ्य की आड़ में धर्मांतरण को बढ़ावा देने केलिए सरकारी संरक्षण है।

उन्होंने कहा कि यह आशंका है कि आनेवाले दिनों में हेमंत सरकार मदर टेरेसा क्लीनिक को स्वंयसेवी संस्थाओं के माध्यम से चलाने का निर्णय करेगी जिसमें धर्मांतरण कराने वाली संस्थाएं शामिल होंगी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सरकार के मुखिया हैं।और यदि राज्य सरकार का यह निर्णय उचित है तो वे सार्वजनिक तौर पर मीडिया के माध्यम से नाम परिवर्तन पर अपनी सहमति व्यक्त करें।

श्री बाउरी ने कहा कि भाजपा इस साजिश को कामयाब नहीं होने देगी।एक सशक्त विपक्ष के नाते पार्टी सदन से सड़क तक कड़ा विरोध करेगी।

प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक,प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह उपस्थित थे।

झारखंड और आदिवासी अस्मिता को श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने ही पहचान दिया……बाबूलाल मरांडी

राजनीति के निम्न स्तर पर उतरी हेमंत सरकार,अटल जी के योगदान को कर रही अनदेखा

नाम बदलने से ज्यादा जरूरी है स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी सुधार

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार द्वारा अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा के नाम पर किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

श्री मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से यह पूछा है कि इसे कृतघ्नता कहा जाए या नैतिक पतन, कि राज्य सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक के नाम से अटल बिहारी वाजपेयी जी का नाम हटाने का निर्णय लिया है?

कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण में वाजपेयी जी का योगदान किसी परिचय का मोहताज नहीं है।
1999 में अटल जी ने झारखंड की धरती से जनता से वादा किया था कि यदि केंद्र में उनकी सरकार बनी, तो झारखंड के लोगों को एक अलग राज्य का उपहार दिया जाएगा और जैसे ही उनकी सरकार बनी, उन्होंने अपना यह वादा निभाया।

कहा कि झारखंडवासियों को उनका अधिकार दिलाने में और आदिवासी अस्मिता को अलग पहचान देने में अटल जी के अटल इरादों की निर्णायक भूमिका रही है।लेकिन हेमंत सरकार ने राजनीति के निम्नतम स्तर को छूते हुए उनके योगदान को अनदेखा कर दिया।

कहा कि क्या सरकार यह स्पष्ट कर सकती है कि कैबिनेट के इस निर्णय से स्वास्थ्य व्यवस्था में वास्तविक सुधार होगा?एम्बुलेंस समय पर पहुँचने लगेगी?क्लिनिक में बेहतर इलाज उपलब्ध होगा?

कहा कि यदि सरकार को वास्तव में मदर टेरेसा का सम्मान करना था, तो उनके नाम पर कोई नई योजना लाती, ऐसी योजना जो मरीज़ों को सहारा और सेवा प्रदान करती, जो स्वयं मदर टेरेसा के जीवन का उद्देश्य था। किन्तु ऐसा न कर सरकार ने यहाँ भी केवल राजनीतिक हित साधने का प्रयास किया है।

कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी बदहाल है कि गर्भवती महिलाओं को एम्बुलेंस न मिलने के कारण रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ रहा है। वृद्ध महिलाओं को खाट पर अस्पताल ले जाया जा रहा है, और शवों को ले जाने तक के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है।परन्तु इन बुनियादी समस्याओं को दूर करने के बजाय, सरकार नाम बदलने में व्यस्त है।

अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलने पर भाजपा का कड़ा ऐतराज़

नाम बदल बदल कर हर रोज़ नए नए विवाद खड़ा कर रही है राज्य सरकार: अजय साह

झारखंड निर्माता श्रद्धेय अटल जी का अपमान झारखंड की जनता बर्दास्त नहीं करेगी

भारतीय जनता पार्टी ने अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलकर “मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लिनिक” रखने के हेमंत सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध किया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने इस निर्णय को तुच्छ मानसिकता और विकृत राजनीतिक सोच का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि जब भी झारखंड में विकास की दिशा में कोई सकारात्मक पहल होती है, झामुमो सरकार उसे नकारात्मक विवादों में बदलने का प्रयास करती है।

अजय साह ने कहा कि आयुष्मान भारत और अटल मोहल्ला क्लिनिक जैसी योजनाएं भाजपा की क्रांतिकारी सोच की देन हैं, जिन्होंने गरीबों और आम लोगों के स्वास्थ्य अधिकारों को सशक्त किया। लेकिन हेमंत सरकार इन योजनाओं को अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए अपमानित और विकृत कर रही है।उन्होंने आगे कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी झारखंड राज्य के निर्माता रहे हैं, और उनका नाम झारखंड के जन-जन की स्मृतियों से जुड़ा है। अटल जी का नाम हटाकर राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करना केवल एक भारतरत्न का नहीं, बल्कि पूरे झारखंड की आत्मा का अपमान है।

अजय साह ने सरकार को सुझाव दिया कि यदि वह कोई नई स्वास्थ्य योजना शुरू करना चाहती है तो उसमें नए नामकरण की पूरी स्वतंत्रता है, लेकिन पहले से स्थापित और लोकप्रिय योजनाओं का नाम बदलकर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा करना ओछी और दुर्भाग्यपूर्ण प्रवृत्ति है। उन्होंने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब हेमंत सरकार ने महान राष्ट्रनायकों का अपमान करने की कोशिश की हो।

अजय ने अंत में कहा कि हेमंत सरकार की राजनीति का मूल उद्देश्य जनहित नहीं, बल्कि जनभावनाओं को आहत कर जनता का ध्यान भटकाना है। उन्होंने इसे घोटालों में घिरी सरकार की एक सोची-समझी रणनीति बताया, जो जनमुद्दों से भागने के लिए रोज़ नए विवाद पैदा कर रही है।

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