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अवैध डीजीपी रहे अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की जांच कराने की हिम्मत दिखाएं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन – बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा निशाना साधा।

श्री मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी,अनुराग गुप्ता जैसा भ्रष्ट डीजीपी झारखंड बनने के बाद राज्य में कभी बना ही नहीं था।” सोशल मीडिया पर घूम रहा ये वीडियो न्यूज़ किसी विरोधी दल के नेता का नहीं, बल्कि आपके साथ सरकार में शामिल प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री का है, जो अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता को पद से हटाने के कई दिनों पहले का है।

कहा कि यह तो एक सैम्पल है। जब सत्ताधारी दल का व्यक्ति भी किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के इतने गंभीर आरोप लगा रहा है, तो ये सहज समझा जा सकता है कि उसने कैसे और कितने एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचार और अपराध किये होंगे?

कहा कि सुना तो यह भी जा रहा है कि जिस अवैध डीजीपी को आपने भस्मासुर बनने का आशीर्वाद दिया था, उसने आपको ही जलाने के इंतजाम करने का काम फिर से शुरू कर दिया है।

कहा कि भले ही आप थोड़े देर के लिए बच गए हैं, लेकिन जनता अभी भी आपके कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। ऐसा लगता है आपने सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे का फॉर्मूला अख्तियार किया है।

कहा कि मुख्यमंत्री जी,जनता बहुत समझदार होती है। लगातार मेरे द्वारा अवैध डीजीपी के खिलाफ आवाज उठाने पर भी आपके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। सदन से सड़क तक आवाज उठाई गई लेकिन आप अपनी जिद्द पर अड़े रहे। मामला न्यायालय तक गया लेकिन आप अपने हठ पर डटे रहे। और जब आपका पाला पोसा हुआ ये अपराधी प्रवृत्ति का आदमी अंदर-अंदर आपका ही कब्र खोदने लगा तो आपकी नींद खुली है।

कहा कि मुख्यमंत्री जी, ऐसे तो नदी में बहुत पानी बह चुका है लेकिन थोड़ी बहुत अगर पद की गरिमा और साख की चिंता आपको है तो अवैध डीजीपी रहे अनुराग गुप्ता के कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच कराने की हिम्मत दिखाइए। जनता आपसे यह चाहती है। जिस अवैध डीजीपी को इस्तीफा देने की नौबत आ गई उसे आप इतनी आसानी से भय मुक्त आख़िर कैसे कर देंगे?

कहा कि झारखंड की ब्यूरोक्रेसी में अच्छे अफसर भी भरे पड़े हैं। इनसबों के बीच इस बात की चर्चा है कि झारखंड में राज्य सेवा से लेकर कई आईएएस अफसर भ्रष्टाचार के लिये जेल की हवा खा चुके हैं, लेकिन एक भी भ्रष्टाचारी आईपीएस या पुलिस अफसर पर न तो कार्रवाई हुई न ही कोई जेल गया। जबकि अगर ठीक से जॉंच हो जाय तो उजागर हो जायेगा कि कुछ पुलिस अफ़सरों ने राज्य में भ्रष्टाचार का कैसा-कैसा कीर्तिमान बना रखा है?

कहा कि जांच बैठाइए मुख्यमंत्री जी, नहीं तो मेरी बात लिखकर रख लीजिये कि ऐसे और कई लोग आपके इर्द-गिर्द अभी भी घूम रहे हैं, जो आपको बराबर डर दिखाते रहेंगे और आगे ब्लैकमेल करेंगे आपको। हेमंत जी एकबार हिम्मत दिखाइए।


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