कांग्रेस को पारदर्शिता की बात करने से पहले अपने शासनकाल के भ्रष्टाचार का आईना देखना चाहिए – प्रतुल शाह देव
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के द्वारा सूचना अधिकार कानून के 20 वर्ष पूरे होने पर आयोजित प्रेस वार्ता पर पलटवार किया। प्रतुल ने कि सूचना अधिकार कानून पर लंबा चौड़ा उपदेश देने से पहले उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिर झारखंड में उनकी सरकार ने सूचना आयोग को पिछले साढे पांच वर्षों से क्यों पंगु बना दिया है? प्रतुल ने कहा की पिछले साढे 5 वर्षों से मुख्य सूचना आयुक्त सहित अन्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति नहीं की है।सूचना आयोग निष्क्रिय हो गया है।कांग्रेस के सहयोग से चल रही हेमंत सरकार में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि सूचना आयोग के सक्रिय होने से भ्रष्टाचार की और खबरें सामने आती जिसे यह सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करती। प्रतुल ने कहा कि इस से हास्यास्पद स्थिति क्या हो सकती है की सूचना अधिकार की बीसवीं जयंती पर आयोजित प्रेस वार्ता करने वाले ने यह नहीं बताया की झारखंड में उन्होंने इस कानून को क्यों दफन कर दिया है?
प्रतुल शाह देव ने कहा कि कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि सूचना का अधिकार (RTI) लागू जरूर हुआ था, लेकिन यूपीए शासन में इसका सबसे ज्यादा दुरुपयोग और दमन हुआ।जब जब जनता ने आरटीआई के जरिए विभिन्न घोटालों, सोनिया गांधी के विदेशी ट्रस्ट, कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच में हुए डील, नेशनल हेराल्ड घोटाले की जानकारी मांगी तब कांग्रेस के नेताओं ने अदालत में जाकर सूचना रोकने के लिए आवेदन दिए थे। यही कांग्रेस का दोहरा चरित्र है। प्रतुल ने कहा कि व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट कांग्रेस ने पारित किया जरूर, पर उसे 2014 तक लागू नहीं किया क्योंकि कांग्रेस पारदर्शिता से डरती थी।
प्रतुल शाह देव ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही पर बोलने का नैतिक अधिकार कांग्रेस ने बहुत पहले खो दिया है।जिस पार्टी के शासनकाल में 2G, जीजाजी, कोयला, कॉमनवेल्थ, नेशनल हेराल्ड जैसे घोटालों से देश शर्मसार हुआ, वह आज पारदर्शिता पर उपदेश दे रही है — यह अपने आप में सबसे बड़ा मज़ाक है।
प्रतुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट का युग देखा है। आज जनता को आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल, डिजिटल इंडिया, डीबीटी, ई गवर्नेंस, पब्लिक ग्रीवेंस जैसे प्लेटफार्मों से सीधे सरकार तक पहुंच मिली है। पहले कांग्रेस के शासन में फाइलें तिजोरी में बंद रहती थीं, आज मोदी सरकार में हर फाइल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जनता की नज़र के सामने है।
प्रतुल शाह देव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने शासन प्रणाली को जनभागीदारी और जवाबदेही पर आधारित बनाया है। DBT से 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि सीधे गरीबों के खातों में गई, जिससे बिचौलियों की पूरी व्यवस्था खत्म हुई — यह वही पारदर्शिता है जिससे कांग्रेस हमेशा डरती रही।

