भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की नीयत लोकतंत्र को मजबूत करने की नहीं बल्कि उसे कमजोर करने की है। नगर निकाय चुनाव को लेकर सरकार का रवैया पूरी तरह से संदेहास्पद और दुर्भावनापूर्ण है। लंबे समय तक सरकार ने ट्रिपल टेस्ट नहीं कराकर नगर निकाय चुनाव को पहले टाल कर रखा। सरकार की मंशा पिछड़ों को उनका हक देना नहीं था।उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर नगर निकाय चुनाव से भाग रही है ताकि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की भागीदारी खत्म हो और केवल अफसरशाही और कमीशनखोरी का बोलबाला बना रहे।
प्रतुल शाह देव ने उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए विभिन्न आदेशों और सरकार पर की गई प्रतिकूल टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 4 जनवरी 2024 को झारखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि पूरे राज्य में नगर निकाय चुनाव तीन सप्ताह के भीतर कराए जाएँ और “ट्रिपल-टेस्ट” प्रक्रिया को बहाना न बनाया जाए।सरकार ने इस आदेश की अवहेलना करते हुए अपील की, जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया और एकलपीठ का आदेश बरकरार रखा।इसके बाद 16 जनवरी 2025 को उच्च न्यायालय ने पुनः आदेश दिया कि जिन नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 तक समाप्त हो चुका है, वहाँ चुनाव हर हाल में मई 2025 तक संपन्न करा लिए जाएँ।इसके बावजूद आज तक चुनाव नहीं हुए।
प्रतुल ने कहा कि अदालत ने कई बार सरकार की लापरवाही और संवैधानिक व्यवस्था की अनदेखी पर आपत्ति जताई और स्पष्ट टिप्पणी की कि राज्य सरकार “रूल ऑफ लॉ” को दरकिनार कर रही है।आज की सुनवाई में उच्च न्यायालय ने सरकार के टालमटोल रवैये पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को ठप करना गंभीर अपराध है। उच्च न्यायालय ने आज कहा कि सरकार नगर निकाय चुनाव का अगली तिथि को रोड मैप प्रस्तुत करे।
पिछड़ों को आरक्षण देते हुए अविलंब चुनाव की तिथि की घोषणा हो
प्रतुल ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि हेमंत सरकार तत्काल उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देते हुए तिथि घोषित करे।लोकतंत्र को बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। अब और टालना बर्दाश्त नहीं होगा।